STORYMIRROR

ईश्वर...

ईश्वर प्रकृति के कण कण में विधमान हैं। मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारे तो पवित्र धार्मिक स्थल हैं। इसलिए मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता हैं। जियोऔर जिने दो। अंहिसात्मक विचारधारा को अपनाने किआवश्यकता हैं।

By Devaram Bishnoi
 335


More hindi quote from Devaram Bishnoi
0 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments