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हम औरतें भी अजीब है ना!
एक दूसरे को सांत्वना देने की कोशिश करती हैं कि 'मर्द तो ऐसे ही होते हैं', 'उनकी तो आदत ही ऐसी है', 'धैर्य सबसे बड़ी चीज़ है', 'समय आयेगा तो सब ठीक हो जाएगा' और इस क्रम में न जाने कितने ही सपने, ख्वाहिशें, अधिकारों से खुद को वंचित कर लेती हैं जिनकी हम अमूमन हकदार हैं।
-स्नेहिल
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