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गुजर रही है...

गुजर रही है ज़िंदगी एसे मुक़ाम से, अपने भी दूर हो जाते है, ज़रा से जुकाम से। तमाम कायनात में एक कातिल बीमारी की हवा हो गई, वक्त ने केस सितम ढाया, की दुरियाँ ही दवा हो गयी

By Masira Mulla
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