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"ग्रंथिया" न...

"ग्रंथिया" निचोड़ी जा सकती है ?? मस्तिष्क ग्रंथियां सारी ऊहापोह, उद्विग्नता, अधीरता, रंज, दुःख, शोक व्यथा। निचुड़ जाती बह जाता विषाक्त रक्त कपड़े से बहते नीर की भाँति.. ~★रूद्राक्षी★~

By Neetu Jharotia "Rudrakshi"
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