“
गोरे गोरे गाल पे जब तुम्हारा डिंपल
पड़ता है
हौले हौले से फिर मेरा दिल जाने
क्यू तड़पता है।
जब तुम अपने खुले बालों में आती हो
सच मानो हर बूढ़े जवान पे कहर बरपाती हो
काले लिबास मे जब आज तुम आई हो
मेरे दिल को जैसे आज बहकाई हो
सच में तुम बहुत खूबसूरत हो
यकीन मानो सुंदरता की मूरत हो
”