“
एक माँ ने जन्म से संस्कारित की है तो
दूजे ने प्रारम्भिक शिक्षा - संरक्षण से
संस्कारित की है
विस्मृत होते एक स्मृति को फिर से संजों रहा हूँ
अपने हृदय पटल पर दो माँओं को बसा रहा हूँ
जीवन दायिनी एवं विद्याप्रबंध दायिनी
मधु -सा जीवन में संघर्ष हे द्रौपदी!
तेरे पुत्र का अविलंब जारी है
लोगों का वक़्त आया है ,
तेरे स्नेह का दौर आने वाला है/ 🙏🏻❣️🙏🏻
”