“
एक दिन पुछ ही लिया चाँद ने मुझे ..
इतना न देख मुझे ..
फ़स जायेगी .. प्यार हो जायेगा मुझसे तुझे ..
मेरा जवाब .. फ़स तोह गई हुं ...
तुम भी वेसे और वो भी तुम्हारी तरह ..
तुम्हारी आदत आसमां के तारों को रिझाना ..
और उसकी ..
उसके साथ लगाए हुए दिल को तड़पाना ..
तुम्हारी आदत ..
ढल जाना अपने वक्त से ..अपनी मर्जी से
और उसकी ..
होकर भी न होने का एहसास जताना ...
”