“
एक दिन ऐसा भी आएगा
जब मनुष्य अपने बुरे कर्मो से
स्वयं ही मिट्टी में मिल जाएगा
हरे वृक्षों को काट काट कर
धरती मरुस्थल सा बन जायेगा
चारो ओर मौत का नंगा तांडव होगा
हर ओर सुखा सा पड़ जायेगा
आओ हम वृक्ष लगाए
आओ हम विश्व मरुस्थलीकरण
और सूखा निवारण दिवस मनाए
भूमि क्षरण और अपरदन को रोकने
का संकल्प उठाए
”