“
एक अजनबी अपने नजरो से मुझपे जादूगरी कर गई
मुझ नासमझ से व्यक्ति के दिल को वो देखो घायल कर गई
मुझ निर्दोष को अपने मोहब्बत में गिरफ्तार करके मुझे मोहब्बत की गलियों में
देखो बदनाम कर गई
अपने ही इश्क के कोर्ट में मुझे मुजरिम करार दिया उसने
ऊपर वाले की रजा भी देखो उसके कोर्ट से उसे जमानत मिल गई
”