“
दुनियां मेंंआये हैं।
तो कुछ हमारी तरफ
से भी दिजिएगा।
यह कदापि जरूरी नहीं हैं।
बड़े महान लोग ही
दुनियां को कुछ देने
मेंं सक्षम हैं।
हम भी दुनियां को
बहुत कुछ दे सकते हैं।
अन्याय के खिलाफआवाज़ नहीं उठा सकते हैं।
तोआवाज उठाने वालों का साथ तो दे ही सकते हैं।
अन्याय करने वालों का साथ नहीं देनाभी न्याय करना हैं।
”