“
दोस्तो जब मुझे मुस्कुराना पड़ा
हम खुद ही रोए और खुद ही चुप हो जाना पड़ा
वह किसी और के नाम की मेंहदी हाथ में रचाती रही
और मुझे अपनी मोहब्बत की सौगंध में बांधे रखा
आज हमे रोकर भी अपने आंसुओं को छुपाना पड़ा
वह किसी और के साथ सात फेरे लेते रहे
और आज हम दोनों को परिवार की खातिर अपनी ख्वाहिशों को जलाना पड़ा
”