STORYMIRROR

दोष मालूम...

दोष मालूम होते हुए भी त्याग न करना "राग" हैं और गुण मालूम होते हुए भी स्वीकार न करना "द्वेष" हैं.. सावधान!! जिनसे द्वेष है, उनसे प्रेम करो, जिनसे राग है , उसका त्याग करो, एसा करने से मन शांत हो जाएगा।

By Jagruti Pandya
 15


More hindi quote from Jagruti Pandya
1 Likes   0 Comments
5 Likes   1 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments