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दो पल ठहरो...

दो पल ठहरो मेरे जनाजे को उठाओ ना, कुछ लम्हे ठहर जाओ मुझे सीने से लगाओ माँ। आज क्यों सूरज में तपिश कम है, आज मेरे पप्पा की आंख नम क्यों है। राजेश सिंह

By राजेश "बनारसी बाबू"
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