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दिलबर के...

दिलबर के दीदार को तरसती हैं निगाहें, और जुदाई में तो चाँद की ठंडक से भी निकलती हैं जलन की आहें। फिर चकोर की चाहत परवान चढ़ी है, ज़रा देखो आज चाँद की रोशनी बढ़ी है। गौर किया जब चाँद की खूबसूरती पर, तब याद आया, कि ऐसा ही तो दिखता है मेरा दिलबर।

By Vaidehi Singh
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