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धाराधर से...

धाराधर से छूट पावस,निदाध धरा पर आईं, झूम उठे द्रुम दल,केकी भी झूम -झूम कर अपने पंख फैलाएं, पावस के शुभ आगम से, माही नवयौवन को पाएं

By Deepika Solanki
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