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डॉ अरुण कुमार शास्त्री 💐एक अबोध बालक 💐अरुण अतृप्त
वक्त बदलने से इंसानी सोच बदलती है
सोच बदलने से कर्तव्य बदलता है
कर्तव्य बदलने से इच्छाएं बदलती है
इच्छाएं बदलने से एषनाये बदलती है
एशनायें बदलने से कृतित्व बदलता है
कृतित्व बदलने से मूल्यांकन बदलता है
मूल्यांकन बदलने से भाग्य बदलता है
अब यह बताएं कोई मुझे
जब इतना सब कुछ बदल जाता है
तो इंसान क्यों नहीं बदलेगा
इंसान भी बदल जाता है
त
”