“
*छोड़ आया*
विधा : कविता
दिलके इतने करीब हो,
फिर भी मुझसे दूर हो।
कुछ तो है तेरे दिल में,
जो कह नही पा रही हो।
या मेरी बातें या मैं तेरे को,
अब समझ आ नही रहा।
तभी तो मुझ से दूरियां,
तुम बनाती जा रही हो।।
गीत गुन गुने की जगह,
तुम उदास हो रही हो।
कैसे सम
”