“
चेहरे पर तो मुस्कान थी, पर दिल अंदर से टुटा था...
आँसू जिसके सामने बहते थे, उसी ने ही दिल तोड़ा था...
खुशी से झूमने वाली मायूस होकर बैठी थी,
बिखरे हुए दिल को फिर से जोड़ने चली थी...
दिल के संदूक में जो कभी बसा करता था, दिल के हर टुकड़े में उसी की यादें दिखती थी....
”