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चांद बोलते...

चांद बोलते थे हम उन्हें अपना और वो चांद बड़ा बैरी निकला हमने उन्हें थामा था सितारों कि भीड़ में तन्हा मानकर लेकिन वो तो कमबख्त कई रातों का सहरी निकला।

By khwahish sharma
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