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चाहत ना तब...

चाहत ना तब थी ना अब हे ना कभी रहेगा , हम तो बस पियार कर रहे थे पता नहीं था कि आगे रास्ते इतनी जोखिम होंगे की खुद खुद का दुस्मन होजाएंगे तेरे बस्ते।

By AGENT VIP GAMING
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