STORYMIRROR
" बहोत...
" बहोत चंचल हो...
" बहोत चंचल...
“
" बहोत चंचल हो ज़ानेमन तुम,
मुज़े बहोत ललचाती हो,
तुम्हारी मस्त अदाओं से
" मुरली",
ईश्ककी आग क्युं ज़ाती हो?"
-धनजीभाई गढीया"मुरली"
”
40
More hindi quote from Dhanjibhai gadhiya "murali"
Download StoryMirror App