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बच्चपन की...

बच्चपन की नैया में, चले हम । उस दरिया किनारे, यादों की मेहक बहाने वाले, उस फूलों को ढूंढकर लाने, इस शाम के वक्त पर। देवी मनु

By Devi Manu
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