“
बार-बार सवाल उठता है,
क्या हम सिर्फ अपने लिए जीते हैं?
कई जवाब,
हाँ।
मन पूछता है,
तो जब कोई प्रिय व्यक्ति चला जाता है तो हम परेशान क्यों होते हैं?
किसी प्रियजन की मृत्यु पर मैं आंसू क्यों बहाता हूं?
वास्तव में हम अपने प्रिय सम्बन्धियों के सुख-दुःख, अच्छाई-बुराई, प्रेम के साथ जीते हैं।
मैं अपनों के बिना, अपनों के प्यार के बिना अकेलापन महसूस करता हूं।
डॉ. संजय कुमार मल्लिक
”