STORYMIRROR

अपने मन की...

अपने मन की शांति के लिए किसी के भी अपराध को माफ तो किया जा सकता है लेकिन उस पर पुनः विश्वास नहीं किया जा सकता और करना भी नहीं चाहिए।

By Madhu Vashishta
 64


More hindi quote from Madhu Vashishta
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments