“
अच्छा है,उसे मैं पसन्द तो हूँ
मेरे कपड़े,पहनावा सबसे परे है ।
अच्छा है, उससे मैं जिन्दा हूँ
उसका चेहरा ,दिल मेरे पास धरे हैं।
बना के रब ने फरिश्ता उसे ही बना दिया
अच्छा है ,उसे अपने गीतों में रखता हूँ
मेरा सुर,संगीत उसी से बने हैं ।
लवविवेक मौर्या उर्फ़ हेमू
”