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आजकल लोग भारतीय राजनैतिक पार्टियों के कार्यकर्ता नहीं होके।
राजनैतिक पार्टियों के अंधभक्त बन रहे हैं।
चाहे कैसीभी छोटी बड़ी क्षैत्रीय राष्ट्रीय पार्टी हो।
उन्हें खुद कि पार्टी कि नितियों सिद्धांतो से कोई लेनादेना नहीं होता हैं।
सिर्फ मैंऔर मेरी पार्टी बस।
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