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आज...

आज प्रातःकाल सभा मैं बहुत तर्क बितर्क सुनाई दे रही थी क्यों की बात हो रही थी दूसरे की गलती ढूँढने की जब बात आई खुद की गलती ढूँढने की तब पता नहीं क्यों सब मौन ब्रत धारण कर लिए ।

By Jyoti Jyoti
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