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आज हवाएं बहोत तेज़ चल रही थीं , मेने पूछा दिल से की मुझे इन हवाओं के साथ चलना चाहिए , तब दिल ने कहा मंजिल पानी हे तो हवाओं के साथ चलना चाहिए क्योंकि जो हवाएं चलना बंध हो गई, मुश्किलें आना बंध हों गई तो हम कभी आगे बढ़ नहीं पाएंगे ।
" मंज़िल पानी हे तो हवा कभी रुकनी नही चाहिएं .."
”