“
तब बचाने कोई नहीं आएगा
जब हमें सबसे ज्यादा ज़रूरत होगा,
तभी ही सारा दुनिया सो जाएगा
अपनी रक्षा अब हमें खुद ही करना होगा
अब नही सहेंगे जो पहले है हमने भोगा
इस आधुनिक ए दूषित जगत में,
अब हम भी वो शस्त्र उठाएंगे
जो देख कांपेगा उनका दिल
हम यूं काल बन उनके रोम - रोम में छाएंगे।
-Aparna
”