Dr. Pankaj Srivastava
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I am a hospital administrator by profession and love to do things right.

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हर लम्हा एक नया सबक देता है, 'जीवन', जीने का अन्जाना सा सबब देता है । आज लगता है मुझे 'भूत' से 'वर्तमान' भला, काल कोई भी हो हर साल भला । हर लम्हे में एक इतिहास छुपा है 'पंकज' हाशियों के मध्य हास- परिहास छुपा है 'पंकज' l - अंतर्मन (पंकज-पारुल)

वफ़ा दो तरफ़ा हो, यह जरूरी तो नहीं हर शक्श को बराबर मिले, यह जरूरी तो नहीं वफ़ा के मायने शक्शियत के मोहताज़ तो नहीं होते किसी को ताउम्र नहीं मिलती तो कोई उसकी तासीर से भी अनजान रहता है - अंतर्मन (पंकज-पारुल)


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