अरमानों में पंख लगा, उन्मुक्त हमें उड़ना होगा।
है नया सफर मंजिल भी नई, तन्हां-तन्हां चलना होगा।।
रवि प्रजापति "अबोध"
कहां से सीखा है बेईमानी करना,जो इतना इतरा रहा है।
छुपाकर आंसुओं का शैलाब, निर्लज्ज तू मुस्कुरा रहा है।
रवि प्रजापति "अबोध"
Death is better than permanent medicine.
Ravi Prajapati
गरीबी की लड़ाई में ,वक्त को जीत लेते हैं।
चलाएं खर्च कैसे गरीबी में, गर्भ में सीख लेते हैं।
चाहते नहीं ये भी , कि दस्तक दे अमीरों की चौखट पर।
इसलिए गरीबी में ही, दरबदर भटकना सीख लेते हैं।