कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो...
ज़िंदगी ने ज़िंदगी भर गम दिए, जितने भी मौसम दिए, सब नम दिए..... ... ज़िंदगी ने ज़िंदगी भर गम दिए, जितने भी मौसम दिए, सब नम दिए..... ...