Ruchi Rachit Singla
Literary Colonel
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Loves writting poems. Working as formulation scientist in one of the Pharma company. Poems are unsaid heartfelt words.

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मत कर खुद पर इतना गरूर, की हो जाये सबसे दूर, अभी भी वक़्त है, कर अपने घमंड को चूर, क्यूंकि गिरगिट की तरह वक़्त को बदलते देखा है हमने, आज नहीं तो कल उनका भी वक़्त आएगा। जब तू पछतायेगा, और वोह इतराएगा।

one life, one earth let's make it worth!!

One Life, One Earth, let's make it worth!!

गरम चाय की प्याली, पेन की स्याही, दिल में एहसास, बना देते है एक कवि को ख़ास!!

रास्ते भी बनेगे, और मंज़िले भी मिलेंगी, रोशन रहेगा कारवां तेरा, क्यूंकि खुदा भी मदद उनकी है करता, जो खुद कुछ है करता।

माना की तुम बोलते कम हो, बयां करना आता नहीं, पर तुम्हारी चुपी से हो गया मुझे इतना प्यार, की अब हमे बोलना आता नही!!

खुदा से यही है एक दरखास्त, जिस के लिए आज मेरा दिल है रोया, उस दिल में भर दो ख़याल जरा सा मेरा!!

वोह भी क्या दिन थे, हर किसके नाम से चेक करते थे फ्लेम्स, बीमार होने पर चलते थे दादी- नानी के नुस्के, पेंसिल के छिलको को संभालना, क्यूंकि उनको दूध में भिगो कर रबर जो होता था बनाना!!

ऐन्टेना क्या होता है, हर किसी की मम्मी ने सिखाया, पड़ा कर नहीं, छत पर चढ़ा-चढ़ा कर!! तब समझ आया एंटीना की तार और दिशा का महत्व!! तेज़ हवा में तार पर सूखते कपड़ें उड़ने से ज्यादा, टेंशन होता था ऐन्टेना न हिल जाए!! वोह भी क्या दिन थे !!


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