Loves writting poems. Working as formulation scientist in one of the Pharma company. Poems are unsaid heartfelt words.
Share with friendsमत कर खुद पर इतना गरूर, की हो जाये सबसे दूर, अभी भी वक़्त है, कर अपने घमंड को चूर, क्यूंकि गिरगिट की तरह वक़्त को बदलते देखा है हमने, आज नहीं तो कल उनका भी वक़्त आएगा। जब तू पछतायेगा, और वोह इतराएगा।
रास्ते भी बनेगे, और मंज़िले भी मिलेंगी, रोशन रहेगा कारवां तेरा, क्यूंकि खुदा भी मदद उनकी है करता, जो खुद कुछ है करता।
माना की तुम बोलते कम हो, बयां करना आता नहीं, पर तुम्हारी चुपी से हो गया मुझे इतना प्यार, की अब हमे बोलना आता नही!!
वोह भी क्या दिन थे, हर किसके नाम से चेक करते थे फ्लेम्स, बीमार होने पर चलते थे दादी- नानी के नुस्के, पेंसिल के छिलको को संभालना, क्यूंकि उनको दूध में भिगो कर रबर जो होता था बनाना!!