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यह कविता कवि की उस उलझन को दर्शा रही है जिसमे वह कविताओं से दूर होकर खुद एक कविता बन जाता है। यह कविता कवि की उस उलझन को दर्शा रही है जिसमे वह कविताओं से दूर होकर खुद एक कवित...