Ragini Singh
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"तुम्हारे अंदर की नेतृत्व क्षमता तब उभरती है जब तुम पर भरोसा करने वाले डट कर तुम्हारे पीछे खड़े हों"

मैं ठीक हूं मुझे झूठा तू यूं ढांढस ना बंधा जो कहना है साफ बोल दो यूं पहेली ना बुझा

रखना है तो दिल में रखो एक दूसरे से मुहब्बतें घर को तबाह हैं कर रही, हर तरफ ये नफरतें

तुझे ग़र इश्क है तो बता मुझसे सहानुभूति ना जता

सब कुछ ठीक था, कुछ हो गया मन मेरा मुझसे विद्रोही हो गया

संसार में व्यक्तिगत कुछ भी नहीं होता एक के कर्म का प्रभाव सभी पर पड़ता है

कहते हैं संसार क्षणभंगुर है पर तुम्हारे प्रेम में अमरत्व है

जीवन के रंगमंच पर हम कलाकार अभिनय करते हैं जब जैसा निर्देशन मिलता है हंसने और रोने लगते हैं

तू बस करम कर ना रख भरम वो बैठा हिसाब है सारा रख रहा कभी परख कर कभी दया से वो ईश्वर है ये वजूद अपना बता रहा


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