Ashita Sharma
Literary Captain
15
Posts
17
Followers
3
Following

आशिता शर्मा खुद एक कल्पना है|बनना तो इन्हें C.A. था लेकिन मुमकिन ना हो सका डिग्री के नाते वो ग्रेजुएट है और अकाउंटेंट के रूप में काम करती है|अपने ऑफिस के खाली वक़्त में अल्फाजों में रंग भरने की कोशिश करती है वो अल्फ़ाज़ जो उसके सपने है और जिन्हे वो सबको बताना चाहती है|इन्होने स्कूलिंग अलवर से की... Read more

Share with friends
Earned badges
See all

अकेले से रह गए है इस दुनिया में, अब हर कोई पराया सा लगता है। समझने समझाने की तो बात ही नहीं है, सबको पहलू ही गलत हमारा लगता है।।

एक वक़्त था जब हम , हर बात का गिला तुमसे करते थे, लेकिन अब बातों को कहने से डरते है, बात ये नही की तुम समझोगे नही, बात ये है अब हम तुम्हें समझा पायेंगे नहीं, वक़्त ने जजबातों को इस कदर मोड़ दिया, ना कहा कुछ हमने तो तुमने भी समझना छोड़ दिया।। @आशिता शर्मा

बैरंग बूंद थी मैं,छू कर गयी एक किरण तुम्हारी खिल गयी कई रंगों सी मैं,देखती रह गयी दुनियां सारी||

दिल पतंग उड़ा तेरे प्यार के मांझे से, उड़ा जो आसमान में तो तेरे प्यार की मजबूती समझ आ गयी||

ये नशा उनकी आँखों का था, फिर शराब तो बेअसर होनी ही थी||

चाँद दिखता है मेरी खिड़की से, यूँ चाँद के बहाने रात भर देखना अच्छी बात तो नहीं||

और बेहतरीन पोस्ट के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर फॉलो करे अलफ़ाज़-ए-शायरा


Feed

Library

Write

Notification
Profile