@dheeraj-kumar-shukla-darsh

Dheeraj kumar shukla darsh
Literary Brigadier
AUTHOR OF THE YEAR 2021 - NOMINEE

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कलम की ताकत है यही जो राह दे समाज को नयी मैं कविता और गाने लिखता हूँ,क्रिकेट का अच्छा खिलाड़ी रहा हूँ और अपने विद्यालय के दिनों में अच्छा वक्ता रहा हूँ॥

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"सभ्य होना संस्कारी होने का प्रमाण नहीं है।" ©®धीरज कुमार शुक्ला'फाल्गुन' झालावाड़,राजस्थान

परिश्रम और भाग्य का जब हो साथ, बन जाती हर बिगड़ी हुई बात। ©®धीरज कुमार शुक्ला'फाल्गुन' झालावाड़,राजस्थान

निकलो बाहर अपने घर से, नव चेतना लाने को। सत्य का दामन थाम लो आकर, नव संदेश बनाने को। ©®धीरज कुमार शुक्ला'फाल्गुन' झालावाड़,राजस्थान

धर्म वही जो धारण करता, व्यक्ति का स्वाभिमान यही। धर्म को वो क्या समझे, जिनको स्व का भान नहीं। ©®धीरज कुमार शुक्ला'फाल्गुन' झालावाड़,राजस्थान

है इंतजार आज भी, तुमसे मिलने का। हर दिन खोलकर दरवाजा, निहारूँ मैं रास्ता। सुकून नहीं मिलता आज भी, इन आँखों को सजना। लाल साड़ी,चूड़ी और गजरा, यही है मेरा श्रृंगार सारा। ©®धीरज कुमार शुक्ला'फाल्गुन' झालावाड़,राजस्थान

हर ऑंख से ऑंसू बहते हैं जब कमी किसी की खलती है मजबूत होता है वो शख्स जो अपने दर्द में रोता है परवाह नहीं होती दुनिया की ना इस बात की की लोग क्या कहेंगे ©®धीरज कुमार शुक्ला'दर्श'

" शिक्षा अगर मातृभाषा में हो तो संस्कार देती है शिक्षा अगर विदेशी भाषा में हो तो संस्कार छीन लेती है॥" ©®धीरज कुमार शुक्ला'दर्श'

प्रेम कहानियाँ अमर प्रेम की अमर निशानियाँ होती है ©®धीरज कुमार शुक्ला'दर्श'

Love is define by trust because love is trust and trust is love. ©®dheeraj kumar shukla'darsh'


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