I'm Mansi and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsकैसी ये अतरंगी ज़िन्दगी की कहानी हैं.. कुछ हमारे गुनाहों की देन है, तो कुछ ख़ुदा की महरबानी हैं। - मानसी
शोर-गुल राहो में घूमना अब आदत सी बन गई है,तन्हा वक्त गुज़ारना अब शिकायत सी बन गई है। इस वीराने को दूर करने को दरबदर सहारा ढूंढ़ते फिरते हैं,अपने जज्बातों की टूटी नाव से किनारा ढूंढते फिरते हैं। -मानसी