मशहूर होने की ख्वाहिश नहीं है हमें आप हमें पहचानते हैं वस उतना ही काफी है! अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा कहा हमें क्योंकि जिस को जितनी जरुरत थी उसने उतना ही पहचाना हमें!!
क्रोध, अंहकार और कटू वचन रावण के है बड़े प्रिय आभूषण । भूल कर भी पहन ना लेना खो दोगे तन, मन,धन और प्रियजन ।।
'शब्द'! यह 'शब्द' भी बड़े कमाल के होते हैं कभी तीर से होते हैं, तो कभी ढाल से होते हैं अर्थों को कुछ संभाले, कुछ बिखेरे होते हैं सच पूछो तो हर सोच का आईना होता हैं ज़रा संभल कर कहिए इसे जनाब आप के यह 'तारीफ' होते हैं। 'शब्द' भी बड़े कमाल के होते हैं । यह 'शब्द' भी बड़े कमाल के होते हैं ।