दोस्त प्यार बन गया ,प्यार चाहत
समय मेहरबान निकला या कातिल
पता ही नही चला ये कब हो गया
जिन्हें चाहते थे वो हमसफर बन गया
कलम तो लिखने के लिए बेकरार थी
कमबख्त स्याही ही खत्म हो गई
मोहब्बत ने धोखा दे दिया
इश्क़ बेवफा निकला ले ली मेरी जान
सुनहरी यादे दिल मे बसी है मेरे दोस्त के साथ
भुलाये न भूले वो हॅंसते हँसाते बेहतरीन पल
आंखे नाम थी उसकी, कुछ तो बात रही होगी
सच तो फिर सच ही होता है
सच का कोई पर्याय नही होता है
दिल के पास का कोई जब कभी दूर होता है
उसी का रूप पथराए दिलों का नूर होता है !!
By - Arvind Tiwari
ख्वाईशें को उनकी में प्यार समझ बैठा
दामन छोड़ने लगे अपने, तो एहसास आया
चिंता मत करिए चिंता चिता समान ,
चिंता से चिता बनेगी ,चिता जाएगी मिटा ।।
दिल कुंठित हो गया , जज्बात बिखर गए
जब बेटी के वो बाण उस बाप को निगल गए ।
व्यथा कहे किससे औऱ क्या सुनाए अपना हाल
कैसे कहे कोई बाप अगले जन्म मोहे बेटी ही दियो ।।