मेरा इश्क़ वन्दे मातरम है, सबसे बड़ा काव्य हूँ, मैं द्वारिकेश अनुराग हूँ। लेखक, कवि, प्रिंसिपल और शब्दों का जादूगर हूँ। 2010 से लेखन फिर 2014 से 2018 तक विश्राम पुनः 2019 में वापसी अब निरन्तर जारी है।
लहू के हर कतरे में वंदे मातरम और हिंदुस्तान लिख दो। लहू के हर कतरे में वंदे मातरम और हिंदुस्तान लिख दो।