Dr. Chanchal Chauhan
Literary General
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हिन्दी और मैं जैसे शरीर और आत्मा । मेरे भावों की अभिव्यक्ति का एकमात्र विकल्प सिर्फ हिन्दी भाषा है। स्टोरी मिर्रर मेरे सपनों मेरी आकांक्षाओं का मंच है जहाँ ये वर्णित हो साकार होते है।

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मैं रंगना चाहती हूँ जीवन को प्रेम के रंग से चाहती हूँ विश्वास का हर रंग जीवन को सजा ले मैं सतरंगी रंगों से सजना चाहती हूँ। सिर्फ राधा श्याम की हो जाना चाहती हूँ।

बड़ी मुद्दत के बाद आज उसकी मुस्कुराहट मिली मुझे आँखे ठहर गई सासें भी रुक गई

लोग कहते हैं भूल जा उनको आह ! क्या बिसात है मेरी? जो आँखों से ह्र्दय में उतर गया मुझे अपने रंग में रंग गया ।

कमा पाऊँ अर्जित कर पाऊँ खुशियाँ उदास चेहरों के लिए किसी का सहारा बन जाऊँ मेरे क़िरदार का मोल इतना कर दे श्री राधा।

प्रेम विश्लेषण नहीं, सिर्फ़ विश्वास आस्था है।

प्रेम में चाहतों का कहाँ अन्त है मेरे लिए तेरा मुस्कुराना ही बसन्त है। वैलेंटाइन डे और बसंत पंचमी की शुभकामनाएं

उम्मीद मत छोड़ना कभी कल का दिन आज से बेहतर जरूर होगा क्योंकि प्रभु अपनों को ही निखारने सँवारने के लिये कठिन कार्य देते है।

आगे बढ़ने के लिए खुद को ही प्रयास पड़ता है, प्रयास हीन करने लिये तो लोग है ना । बस एक ही है वो जो आपकी उन्नति के प्रयास में आपका सहायक है प्रयत्नशील है ।

हक़ीक़त से सामना हुआ तो पता चला लोग तो सिर्फ़ बातों से अपने थे अपना तो एक ही था जिसे हम बिसार रहे थे।


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