उसका पता भी दिल के किसी कोने में कुछ इस कदर तबदील है , जैसे मेरी धड़कन ही उसके पते से चल रही हो , मैं कितनी भी कोशिश कर दू उसे अपने दिल से दूर करने की मगर वो पता भी कुछ यूँही दिल में उसकी याद की तरह जकड़ा हुआ सा है
वो भी क्या बेमिसाल महोब्बत करता था, अपनी महोब्बत के वास्ते किसी एक पर नहीं, पूरे देश पर जान न्योछावर कर गया
सुनो! माना मंजिल इतनी आसान नहीं, मुश्किले हैं उनमें बहुत, कदम भी लड़खड़ाएगें, पर तू बस एक बार गले लगाकर बोल देना, कि फिक्र न कर यारा, तेरा दोस्त तेरे साथ है||
वादा किया है तुझसे, साथ दूँगी हमेशा, प्यार सिर्फ है तुझसे, बाकी सब है कहना, मेरे तेरे बीच आएगे लोग हजार, पर बाकियों का क्या है, बोल दें उनको जो करते हैं बात बेकार, दिल में हैं मेरे सिर्फ तू और, प्यार तुझसे है सिर्फ करना||
वो पूछता है मुझसे... सूनो! मैं तुमसे इतना लड़ता-झगड़ता हूँ पर क्या तुम मेरे साथ ऐसे ही लड़ने-झगड़ने को आगे भी तैयार हो?
उस गुलाब को क्या मैं गुलाब दू, जिसके आने से मेरी जिंदगी ही खिल गई और जिसके होने का एहसास ही मेरे बगियों को खुशबू से महका देता है||