नेह के पखेरू
अंबर में डालें.
सुबह के स्वागत में,
अब गवाक्ष खोलें.
अच्युतम केशवम एटा
भाई बहिन सम्बन्ध अति,पूत पवित्र सनेह.
इनसे मिल कर ही बने,सुंदर प्रेमिल गेह.
करें नई शुरुआत अब,बीती बातें भूल.
कहने से करना कठिन,भूलें चुभते शूल.
अच्युतं केशवम एटा
हत्या करना पाप है,मानुष हो या अन्य.
पाप रहित जीवन जिए,वही मनुज है
मात-पिता ये दो हुए,
भू पर देव समान.
रखना इनका मान है,
सदा करें सम्मान .
नशा बहुत ही लत बुरी,नशा करे सब नाश.
नशा करे जो ना थके,वही काल के पास .
अच्युतं केशवम एटा
जीवन खुद में सीख है,
है जीवन में सीख.
आँखों वाले आंधरों,
को नहिं पड़ती दीख.
अच्युतं केशवं एटा
अंतरतम की प्रेरणा ,ज्यों प्रकाश की रेख.
अमा निशा को चीरकर ,प्रज्ञा लेती देख .
अच्युतं केशवम एटा
स्वयं स्वीकारा तमस को,
रौशनी को त्याग पल में .
कौन फिर से हेर पाया,
बुव गया जो भूमितल में.
किन्तु दृढ़ संकल्प उसका,
आज बरगद बन खड़ा है.
पन्थिकों को मोहती है .
सांवली छाया घनेरी .
अच्युतं केशवम एटा