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मंजिल चाहे दूर हो तेरी, विपद चाहे हो घनेरी. थक के राही रुक ना जाना, हिम्मत से तू कदम बढ़ाना . राजेश्वरी जोशी, उत्तराखंड
आईना आईनो का शहर है ये, लोगों के हाथों में है पत्थर। अब तू ही बता ए जिंदगी, मैं दिल को कहाँ छुपाऊं। राजेश्वरी जोशी, उत्तराखंड