poet
ग़म भी शर्माने लगा आने से रू-ब-रू मेरे "सहर"जिस दिन से मैंने मुस्कुराने का अंदाज़ बदला है। ग़म भी शर्माने लगा आने से रू-ब-रू मेरे "सहर"जिस दिन से मैंने मुस्कुराने का अंदाज...
कोई मेरे दिल की भी सुने क्या कहता है... कोई मेरे दिल की भी सुने क्या कहता है...