I'm Sanjay and I love to read StoryMirror contents.
Share with friends*छोड़ आया* विधा : कविता दिलके इतने करीब हो, फिर भी मुझसे दूर हो। कुछ तो है तेरे दिल में, जो कह नही पा रही हो। या मेरी बातें या मैं तेरे को, अब समझ आ नही रहा। तभी तो मुझ से दूरियां, तुम बनाती जा रही हो।। गीत गुन गुने की जगह, तुम उदास हो रही हो। कैसे सम
कुछ तो रब अब तुमको करना पड़ेगा। ताकि दो प्रेमी मिल जाए यहां। एक दूसरे की भावनाओं को वो समझे। रब के द्वारा बनाई जोड़ी वो समझ ले।।
देख कब से रहा तुमको हो जानेमन । पर शायद तेरा ध्यान मुझ पर नहीं। तू किसी और के इंतजार में हैं। पर वो शायद किसी और को देख रहा।।