I'm akash and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsतुम्हारी रूह तक मेरी पहचान है, कितना छुपाओगे खुद को ? आंखों में जो भरें आंसु है, कितना रोक पाओगे उनको ? अब जो टूटे हो तो बिखर जाओ मेरे बाहों में कितना सम्भाल पाओगे खुद को ? आखिर कितना दूर करोगे खुद को ?
थक चुका हूं, खुद से झूठ बोलते बोलते। थक चुका हूं, खुद को समझाते समझाते। प्यार हो तुम मेरा, थक चुका हूं, तुझसे से नफ़रत जताते जताते।।