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बोझ कितना ही वो उठाते हैं पूरे घर को वो ही चलाते हैं कभी करते नहीं शिकायत वो मेरे पापा तो बस हँसाते हैं ज़ीनत अहसान मुम्बई
लाख ढूंढा ना वो नज़र आया यू गया फीर ना लौट कर आया ज़ीनत अहसान क़ुरैशी मुंबई