कुमार अशोक
Literary Captain
AUTHOR OF THE YEAR 2020 - NOMINEE

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गाँव के निम्न- मध्यमवर्गीय परिवार की पारम्परिक त्रासदियों में पले-बढ़े। जितना किताबों और स्कूलों ने नहीं पढ़ाया उससे ज्यादा समय , समाज और परिस्थितयों ने सिखाया । पत्थरों की बस्ती में रहकर भी दिल को मोम बनाए रखा । हमेशे से दूसरों के दर्द से गमज़दा होता हूँ और गैरों की खुशियों से खुश । लोगों... Read more

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चेहरे पे चेहरा लगाए जा रहे हैं लोग जाने क्या किससे छुपाए जा रहे हैं लोग चेहरे पर चस्पां है श्मशान का नक्शा मशीन की माफिक मुस्कुराए जा रहे हैं लोग - कुमार अशोक

धर्म अपनाकर उसके इतर आचरण करनेवाला अधम है। धर्म के अनुरुप सदाचरण करनेवाला उत्तम है। कोई धर्म माने बिना सदाचरण करनेवाला सर्वोत्तम है। - कुमार अशोक

तू जितना मुँह मोड़ती है मुझसे , दिल में उतनी ही बढ़ती जाती है तेरी चाहत । ऐ जिंदगी ! तू वाकई बड़ी हसीन है। - कुमार अशोक

लोग जबसे कोट में गुलाब लगाने लगे हैं, कागजी फूल भी बहुत भाव खाने लगे हैं । - कुमार अशोक

Happiness is never absolute; it is always comparative and is determined in comparison to your past. If you want to increase happiness, always choose the worst of your past for comparison . Lowering the comparison bar is the secret of happiness. - Kumar Ashok

Politics is the most yearned for evil. - Kumar Ashok

Negativity is an intoxication . The more you think of it , the more you are surrounded by them . It is a silent killer . - Kumar Ashok

तेरी आजादी, उन्मुक्तता का, होता रहा विरोध, शिक्षा और स्वावलंबन में भी, झेले तू प्रतिरोध, बहुत हो गया सर्जन-वर्जन, ममता, करूणा बोध, संकल्प उठाओ, अहं जगाओ, सीखो करना क्रोध, नियम, नियंता, न्यायालय बन, ले लो प्रतिशोध । - कुमार अशोक

ना कोई आकार है, ना प्रकार है ,ना सगुण है ना निर्गुण है । ना निराकार ना साकार है , ना मंदिर ना मजार है । ईश्वर तो एक विचार है । - कुमार अशोक


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